March 17, 2023
Budiya Ke Bal in Hindi Business

बुढ़िया के बाल का व्यवसाय कैसे करें | Business of Budiya Ke Bal in Hindi

आज के इस लेख में हम जानेंगे बुढ़िया के बाल (Gulab Lachhi) का व्यवसाय (Business of Budiya Ke Bal in Hindi) कैसे प्रारंभ किया जा सकता है। इसे प्रारंभ करने में कितने निवेश की आवश्यकता पड़ती है। एवं कितना लाभ कमाया जा सकता है। इसके पहले इस बात को जान लेना आवश्यक है कि व्यवसाय छोटा हो या बड़ा। चाहे छोटे से निवेश से उसे प्रारंभ किया जाए या काफी भव्य खर्च के साथ। किंतु व्यवसाय उतना ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि इसे कर के इंसान अपने व अपने घर परिवारों की अवश्यकता को पूर्ण कर पाते हैं l अंतर बस इतना होता है कि सभी अपनी अपनी सामर्थता के अनुसार निवेश कर के प्रारंभ करते हैं I तो यदि आप भी अपने किसी व्यवसाय को प्रारभं करना चाहते हैं। तो आज के इस लेख में हम बात करेंगे बुढ्ढी के बाल जिसे हम हवा मीठाई भी कहते हैं इसके व्यवसाय का प्रारंभ कैसे करें । आइए इसी सिलसिले में आरंभ करते हैं इस व्यवसाय के लाभ के विषय में जानकारी लेने से।

बुढ़िया के बाल या Gulab Lachhi के व्यवसाय में लाभ | Business of Budiya Ke Baal in Hindi

1.इस व्यवसाय का सबसे प्रथम लाभ यह है कि इसमें आपको किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ता है।

2.दूसरा इसे आप कम निवेश में भी प्रारंभ कर सकते हैं।

3.इसके लिए आपको भिन्न-भिन्न स्थानों की एवं विद्युत की आवश्यकता नहीं पड़ती है।

4.इसमें अधिक निवेश की भी आवश्यकता नहीं पड़ती मात्र ₹3000 से ₹5000 तक का निवेश कर इसे प्रारंभ किया जा सकता है। एवं प्रतिदिन 500 से 1000 रुपए तक के लगभग कमाई की जा सकती है।

बुढ़िया के बाल के व्यवसाय हेतु आवश्यक सामग्री | Gulab Lachhi Cotton Candy Machine

इस व्यवसाय हेतु ना ही तो आपको अलग से किसी बड़े स्थान की व्यवस्था करने की आवश्यकता पड़ती है। और ना ही तो बिजली की व्यवस्था करने की। क्योंकि इसका जो मशीन होता है वह काफी छोटा होता है। जिसे की सरलता से सुविधा अनुसार उठाकर कहीं भी लाया एवं ले जाया जा सकता है। अथवा इसे अपने घर के ही किसी छोटे हिस्से में रख सकते हैं। किंतु इसके लिए इंधन की व्यवस्था होना महत्वपूर्ण है इंधन के लिए आप मिट्टी के तेल अथवा एलपीजी आदि का उपयोग कर सकते हैं।

एवं हवा मिठाई या बुढ़िया के बाल बनाने वाली मशीन की आवश्यकता पड़ती है। जिसका मूल्य लगभग ₹5000 के आसपास का होता है। एवं यह आपको आपके आसपास के ही बाजारों में सरलता से उपलब्ध हो जाता है।

इसे बनाने के लिए कच्ची सामग्री कौन-कौन सी चाहिए होती है | Cotton Candy Sugar

1.हवा मिठाई बनाने हेतु सर्वप्रथम आवश्यकता पड़ती है शक्कर की,

2.एवं इसके अतिरिक्त चाहिए होता है खाने का रंग, फ्लेवर,

3.तथा एक डंडे की , एवं अलग-अलग प्रकार के सांचों की,

4.एवं पैक करने हेतु पॉलिथीन की आवश्यकता पड़ती है।

गुलाब लच्छी मिठाई बनाने का तरीका | Gulab Lacchi Kaise Banate Hai

कॉटन कैंडी बनाने के लिए मशीन के बर्नर में शक्कर एवं खाने वाले रंग को मिलाकर डाल दिया जाता है। एवं बर्नर के नीचे एलपीजी, कोयले इत्यादि किसी भी साधन से आग जला दी जाती है। आग की सहायता से शक्कर धीरे धीरे पिघलना प्रारंभ हो जाता है। एवं मशीन में पहिये जैसा एक हैंडल लगा होता है। उसे घुमाने से बर्नर भी घूमता है एवं बर्नर में घेरादार प्लेट लगा होता है। जिसमें शक्कर पिघल पिघल कर जमा होने लगता है। एवं उस प्लेट में पिघले हुए शक्कर अथवा हवा मिठाई चिपक ना जाए इसका ख्याल रखते हुए उस प्लेट में सिंघाड़े के आटे डाले जाते हैं।

गुलाब लच्छी बेचने हेतु उपयुक्त स्थान | Budhiya ke bal Kaha Beche

सामान्यतः तो लोग इसे स्वयं ही घूम घूम कर बेचते हैं किंतु इसमें अधिक लाभ नहीं पाया जा सकता एवं मेहनत भी अधिक लगती है। इसे यदि किसी उत्सव समारोह आदि आयोजन के अवसर पर बेचा जाए तो अधिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं। जन्मोत्सव, विवाह उत्सव, मेला, यज्ञ समारोह इत्यादि के अवसर पर उन स्थानों में इसकी बिक्री ज्यादा होती है। एवं ऐसे स्थानों पर इसकी बिक्री करने से नित्य के 500 से 1000 रुपए तक का लाभ प्राप्त किये जा सकते हैैं।

तथा आप अपनी इच्छा होने पर इसे प्रारंभ करने से पूर्व आप इसके प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षण भी ले सकते हैं।जिससे आपको अच्छी से अच्छी गुलाब लच्छी बनाने का अनुभव हो जाएगा।

बुढ़िया के लिए लाइसेंस और आवश्यक दस्तावेज | Documents For Gulab Lachhi Business

तथा क्योंकि यह व्यवसाय एक प्रकार के खाद पदार्थ का व्यवसाय है। अतः इसे प्रारंभ करने हेतु निम्नलिखित लाइसेंस आवश्यक होते हैं।

1.व्यवसाई लाइसेंस,

2. एफ एस एस ए,

3. आरसी रजिस्ट्रेशन,

4. जीएसटी तथा,

5. ब्रांड रजिस्ट्रेशन।

गुलाब लच्छी व्यवसाय की प्रचार एवं वृद्धि के उपाय | Gulab Lacchi Business Marketing 

आप इसे स्वयं बनाकर किसी आसपास के वितिरक से बेचने को कह सकते हैं। तथा आप सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रचार एवं बिक्री बढ़ा सकते हैं। अपने व्यवसाय को निरंतर वृद्धि की ओर ले जाने का प्रयास करते रहना ही उचित व्यवसाए की नीति है।

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